मेरी नयी हिंदी में सेक्सी कहानी भी एक पुरानी क्लासमेट के साथ सेक्स की है. मैं अपनी एक आपबीती सब पाठकों के साथ शेयर करना चाहता हूं.

यह बात बीती दिवाली की है. इस दिवाली पर मुझे भी एक प्यारा सा तोहफा मिला. हुआ यूं कि मेरे स्कूल टाइम की एक दोस्त मुझे फेसबुक पर मिल गयी.

फेसबुक साइट का ये काफी अच्छा उपयोग मैं मानता हूं कि आप अपने पुराने बिछड़े हुए यारों को फेसबुक साइट अकाउंट बना कर खोज सकते हैं. फेसबुक अकाउंट मैंने काफी समय से बनाया हुआ था.

जिस दोस्त की मैं बात कर रहा हूं, उसकी शादी हो चुकी थी और वह अपने पति के साथ कुवैत में रहने लगी थी. उससे बात होने का यह मौका इसलिए खास था क्योंकि हम दोनों डेढ़ दशक बाद एक दूसरे से बात कर रहे थे.

मेरी वो दोस्त जिसका नाम मायरा (बदला हुआ नाम) है, इस दिवाली पर अपने परिवार से मिलने इंडिया में आई हुई थी. दीवाली की बधाई देने वो मेरे घर में चंडीगढ़ तक भी आई. जब हम मिले तो पुरानी यादें ताजा हो गयीं.

हम ने बैठ कर खूब सारी बातें कीं. बातों ही बातों में मुझे ये पहली बार पता लगा कि उसका पति उससे 9 साल बड़ा है. जब ये बात पता चली तो पता नहीं क्यों मेरा ध्यान उसके फीगर की ओर चला गया. उसका फीगर 36-32-38 का था जिसका सटीक नाप उसी ने मुझे बाद में बताया था.

मायरा को एक बच्चा भी हो चुका था. मगर उसका कहना था कि उसका पति अभी भी उसको संतुष्ट नहीं कर पाता है. इसी बात पर मैंने उससे मजाक में कह दिया कि मायरा तू मेरे साथ अफेयर कर ले. मैं तुझे खुश कर दूंगा.

मेरी बात पर वो भी हंसने लगी और बोली- हां, ये ठीक रहेगा. ऐसा करती हूं कि मैं दूसरा बच्चा तुमसे ही पैदा करवा लेती हूं, हम दोनों दोस्त भी हैं और ये बच्चा किसका है इसके बारे में किसी को पता भी नहीं चलेगा.

ऐसे ही बातों और मजाक में हम दोनों को शाम के 6 बज गये और पता भी नहीं चला कि वक्त कैसे निकल गया. मायरा जाने की बात करने लगी. उसको भेजने का मेरा मन तो नहीं कर रहा था लेकिन रुकने के लिए भी नहीं कह सकता था क्योंकि वो शादीशुदा थी और पहले ही दिन मेरे घर पर रुकना उसके लिए संभव नहीं था.

फिर दो दिन के बाद उसका कॉल आया. कॉल पर वो मुझे उसके घर पर आने के लिए कहने लगी. मायरा का घर हरियाणा के अम्बाला में था. उसके आमंत्रण पर मैंने हामी भर ली.

मैं उसके घर के लिए निकल गया. घर जाकर मैं उसकी मां से मिला और फिर बाकी फैमिली से भी उसने मेरा परिचय करवाया. उसके बाद हम दोनों मायरा के रूम में चले गये और बातें करने लगे.

मेरी दोस्त ने मुझे छेड़ते हुए कहा- तो क्या सोचा मेरे बच्चे का बाप बनने के बारे में?

मैंने भी आत्मविश्वास के साथ कहा- मैं तो कब से तैयार हूं, तुम बताओ तुम्हारा क्या इरादा है?

मायरा ने थोड़ा सीरियस होकर कहा- सच कह रहे हो?

मैंने हां में मुंडी हिला दी.

वो बोली- तो फिर मैं भी सच ही कह ही रही हूं. मैं सच में तुम्हारे बच्चे की मां बनने के लिए तैयार हूं. तुम मुझे अपने बच्चे की मां बना दो.

उसकी गंभीर मुद्रा में कही गयी इस बात से मुझे थोड़ी हैरानी हुई. मैं सोच रहा था कि वो मजाक ही कर रही है लेकिन वो सच में सीरियस होकर बोल रही थी.

दोस्ती के बारे में सोचकर मैंने भी थोड़ा सीरियस होकर कहा- चलो, अगर तुम्हें कोई दिक्कत नहीं है तो फिर ठीक है. बताओ कि कब और किस जगह करना है?

वो बोली- मेरे मां-पापा 3-4 घंटे के लिए अपने किसी दोस्त के घर जाने वाले हैं. भाई तो पहले ही ऑफिस के लिए निकल चुका है. थोड़ी ही देर में हम दोनों बिल्कुल अकेले होंगे.

उसकी बात सुनकर मेरे लंड में हलचल होने लगी. मैंने अभी तक किसी शादीशुदा गैर महिला की चूत नहीं चोदी थी. यहां तो मेरी दोस्त ही खुद मुझसे चुदने के लिए कह रही थी. अपनी दोस्त की चूत चोदने के खयाल से ही मेरे मन में रोमांच सा पैदा हो रहा था.

उसके बाद में वो किचन में गयी और मेरे लिये चाय लेकर आ गयी. फिर दो मिनट के बाद ही उसकी मां भी आ गयी.

उसकी मां ने कहा- बेटा, हम निकल रहे हैं. तुम थोड़ा ध्यान रखना.

उसकी मां ने मेरी ओर देख कर स्माइल किया और फिर चली गयीं.

मैं अभी चाय पी रहा था. मायरा उठी और अपना तौलिया उठा कर नहाने के लिए चली गयी. मैं वहीं उसके रूम में बैठ कर इंतजार करने लगा. दस मिनट के बाद वो नहा कर बाहर आई.

जब वो बाथरूम से निकली तो उसने केवल एक नाइटी पहनी हुई थी. अपने गीले बालों को सुखाते हुए वो मेरी बगल में आकर बैठ गयी. बालों को तौलिया से पौंछते हुए उसने मुझे छेड़ना शुरू कर दिया. कभी मेरे पेट पर उंगली से गुदगुदी कर रही थी तो कभी जांघ पर छेड़ रही थी.

मैंने भी उसकी च

ूचियों को छेड़ दिया. उसकी चूचियों पर हाथ लगा तो मैंने पाया कि उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. उसकी चूचियां केवल एक नाइटी के अंदर नंगी अवस्था में थीं. ये सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया.

उसके करीब अपने मुंह को ले जाकर मैंने कहा- मुझे तुम्हारे बूब्स देखने हैं.

वो भी सीरियस हो गयी और आकर मेरी गोद में बैठ गयी. उसके बूब्स अब मेरे होंठों के ठीक पास में थे. पीछे हाथ ले जाकर उसने अपनी नाइटी की स्ट्रिप खोल दी.

नाइटी की बंधी हुई पट्टी खोलते ही उसकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सामने नंगी हो गयीं. उसकी चूचियों के बीच में बड़ा सा भूरे रंग का घेरा और उस घेरे के बीच में उसके अंगूर के दाने के जैसे निप्पल देख कर मेरी सांसें तेज हो गयीं.

मैं उसकी चूचियों को घूर ही रहा था कि उसने मेरे गालों पर उंगली से फिराते हुए कहा- सिर्फ देखने के लिए नहीं निकाले हैं, इनको चूसना भी होता है.

उसके कहते ही मैंने उसकी चूची पर अपने होंठों को रख कर उनको बारी बारी से चूमना शुरू कर दिया. आह्ह … क्या बताऊं दोस्तो, उसके चूचे बहुत ही नर्म और गुदाज थे.

मायरा की चूचियों को मैं चूसने लगा और उसने मेरे सिर को अपने चूचों पर दबाना शुरू कर दिया. फिर उसने नीचे ही नीचे से हाथ ले जाकर मेरी शर्ट के बटनों को भी एक एक करके खोलना शुरू कर दिया.

मैं उसके बूब्स को बारी बारी से मुंह में लेकर चूस रहा था और साथ ही साथ अपने हाथों से दबा भी रहा था. फिर मैंने उसके चूचों से हाथों को हटाया और उसकी गांड को हाथों से कस कर भींच दिया. उसकी कोमल और मुलायम, भारी सी गांड को मैंने कस कर दबा दिया.

मेरा लंड अब एकदम से पूरे जोश में आ गया था. मैंने उसकी चूत को टटोलते हुए उसकी जांघों को सहलाया. फिर वो मेरी गोदी से उठ कर सामने सोफे पर गयी और अपनी टांगें फैला कर लेट गयी.

उसकी चूत नंगी हो गयी. अपनी स्कूल की दोस्त की चूत को मैंने पहली बार देखा था. उसकी चूत पर बाल नहीं थे लेकिन साफ पता चल रहा था कि चूत के बाल अभी ही काटे गये हैं.

मायरा का गीला बदन और नंगी चूत देख कर मैं भी और उत्तेजित हो गया और उसके पास चला गया. मैंने उसकी टांगों को थोड़ी सी और चौड़ी करते हुए पूरी तरह से खोला उसकी चूत को एक किस कर दिया.

मेरे होंठों के छूते ही उसके बदन में बिजली सी दौड़ गयी और मैंने उसी क्षण उसकी चूत पर अपने होंठों को गड़ा कर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.

मायरा की चूत की फांकों को मैं अपने दांतों से पकड़ पकड़ कर खींचते हुए उसकी चूत को चूस रहा था. वो अपनी चूचियों को अपने हाथों से ही दबाने लगी. उसका बदन नागिन के जैसे लहराने लग गया था.

दो मिनट तक उसकी चूत को शिद्दत के साथ चूसने के बाद मैंने उसकी चूत में दो उंगली डाल दी. चूत में उंगली डाल कर मैंने अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

फिर मैंने तीसरी उंगली भी डाल दी. अब मैं तीनों उंगलियों को एक साथ अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच गया था और मैं उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी चूत में उंगली कर रहा था.

फोरप्ले करते हुए मुझे भी बहुत मजा आता है और मैं मायरा को भी इसका पूरा आनंद अनुभव करवाना चाह रहा था. जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने मेरी पैंट को खोलना शुरू कर दिया. मेरी पैंट को खींच कर उसने नीचे कर दिया और मैं अंडरवियर में रह गया.

उसने मेरे अंडरवियर में तने हुए लंड पर एक किस कर दी और मेरे लंड ने एक जोरदार झटका दे दिया. तभी उसने मेरे अंडरवियर को भी नीचे खींच दिया और मुझे भी पूरा का पूरा नंगा कर दिया.

जैसे ही उसने अंडरवियर खींचा तो मेरा लंड फुदक कर बाहर आ उछला. लंड में झटके लग रहे थे. मेरे लंड को देख कर उसकी आंखों में खुशी और चमक दोनों ही फैल गयीं. मायरा ने मेरे 6.5 इंच लम्बे और 3 इंच मोटे लंड को हाथ में लिया और उसके टोपे पर किस कर दिया.

अगले ही क्षण उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

इससे पहले मैं अभी तक 6 लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका था लेकिन जिस तरह से मायरा मेरे लंड की चुसाई कर रही थी वैसी चुसाई आज तक किसी ने नहीं की थी.

मायरा को देख कर ऐसा लग रहा था कि उसको लंड चूसने में ही काफी ज्यादा संतुष्टि मिल रही है. वो लगातार मेरे लंड पर तेजी से मुंह चला रही थी. मैं भी लंड चुसवाने का पूरा मजा ले रहा था और मेरी आंखें आनंद में बंद होने लगी थीं.

जब वो लंड चूस कर थक सी गयी तो फिर से सोफे पर चूत फैला कर लेट गयी और मुझे भी अपने ऊपर आने के लिए कहा. मैं उसके ऊपर लंड लगाकर लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा. मेरी छाती के नीचे उसकी चूचियां दब गयी थीं.

नीचे से हाथ ले जाकर मायरा ने मेरे लंड को अपनी चूत पर सही पोजीशन में सेट करवा दिया. चूत के छेद पर लंड लगते ही मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया.

चूत में लंड जाते ही अपने आप ही मेरे शरीर ने उसकी चूत की ओर धक्के देने शुरू कर दिये.

मायरा ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे होंठों को चूसने लगी.

फिर

्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *